रुद्राक्ष ! आध्यात्मिक और रोगनिवारक बीज का रहस्य

रुद्राक्ष एक ऐसा आध्यात्मिक बीज है जिसे धार्मिक और चिकित्सात्मक महत्व है। यह हिमालय क्षेत्र के रुद्राक्ष वृक्ष के बीजों से बनता है और इसे बड़े श्रद्धा भाव से धारण किया जाता है।

Dhananjay

1/20/20241 min read

Rudraksha
Rudraksha

रुद्राक्ष वृक्ष, जिसे वैज्ञानिक रूप से Elaeocarpus Ganitrus कहा जाता है, हिमालय क्षेत्र का निवासी है, और इसके बीजों को प्राचीन काल से पवित्र माना गया है। "रुद्राक्ष" शब्द का उत्पत्ति संस्कृत के दो शब्दों से होती है - "रुद्र" जो कि भगवान शिव का समानार्थी है, और "अक्ष" जो आंखों का अर्थ है। कहानियों के अनुसार, भगवान शिव ने हजारों वर्षों तक ध्यान किया और जब उन्होंने अपनी आंखें खोलीं, उसके आँसू पृथ्वी पर गिरे और रुद्राक्ष वृक्ष को उत्पन्न किया।

रुद्राक्ष के मुखियों की संख्या या "मुखि" इसके प्रकार और आध्यात्मिक महत्व को निर्धारित करती है। प्रत्येक प्रकार एक देवता से जुड़ा होता है, और संबंधित रुद्राक्ष पहनने से उस देवता की आशीर्वाद और सुरक्षा मिलती है। उदाहरण के लिए, पाँच-मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव से जुड़ी है, जबकि नौ-मुखी देवी दुर्गा से जुड़ी है।

अपने आध्यात्मिक महत्व के पारे, कहा जाता है कि रुद्राक्ष बीज में अद्वितीय चिकित्सात्मक गुण होते हैं। इसमें इलेक्ट्रोमैग्नेटिक गुण होते हैं जो शरीर की बायो-इलेक्ट्रिसिटी को प्रभावित कर सकते हैं। कई परंपरागत चिकित्सा और समृद्धि के अनुयायी रुद्राक्ष बीज पहनते हैं ताकि वे ध्यान को बढ़ावा दे, तनाव को कम करें और समग्र बेहतर स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करें।